नई दिल्ली, नगर संवाददाता: उच्चतम न्यायालय ने इस साल फरवरी में 24 वर्षीय युवक की कथित रूप से पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का निर्देश देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
न्यायालय ने अदालत के आठ सितंबर के फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश प्रशासन की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि रिकॉर्ड में तमाम ऐसे साक्ष्य हैं जिनसे पहली नजर में पता चलता है कि अपराध हुआ और साजिश में उच्चाधिकारी शामिल थे और आरोपी को बचाने के लिए फर्जी साक्ष्य जुटाए गए।
न्यायालय ने कहा कि सीबीआई को इस मामले की स्वतंत्र जांच करनी चाहिए और उसे उच्च न्यायालय द्वारा उसके फैसले में की गई किसी भी टिप्पणी से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
मामला 24 वर्षीय कृष्ण यादव ऊर्फ पुजारी की मौत से जुड़ा है। जौनपुर जिले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, यादव को पुलिस ने 11 फरवरी को उसके घर से उठाया था।
प्राथमिकी में आरोप है कि अगले दिन यादव के मरने की सूचना मिली।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ कर रही थी।