नई दिल्ली, नगर संवाददाता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को विपक्ष पर ‘‘केवल और केवल असीम नफरत की मानसिकता’’ के साथ काम करने का आरोप लगाया और उसके रवैये को ‘‘गैर जिम्मेदाराना’’ व लोकतंत्र को ‘‘कमजोर’’ करने वाला करार दिया।
राजधानी स्थित नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के सम्मेलन कक्ष में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित प्रस्ताव में विपक्षी दलों के रवैये की निंदा की गई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया जिसे चर्चा के बाद पारित कराया गया।
यह पूछे जाने पर कि भाजपा ने राजनीतिक प्रस्ताव के लिए आदित्यनाथ को ही क्यों चुना, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उनके कामकाज की सराहना की और कहा कि वह देश के सबसे बड़े राज्य के मुखिया हैं।
भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचने वाले आदित्यनाथ एकमात्र मुख्यमंत्री थे। पार्टी शासित राज्यों के अन्य मुख्यमंत्री इसमें डिजिटल माध्यम से जुड़े थे। ज्ञात हो कि राजनीतिक रूप से सबसे अहम उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है।
प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘जहां भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में सफलता के नए आयाम गढ़ रहा है, वहीं विपक्ष केवल और केवल असीम नफरत की मानसिकता से काम कर रहा है।’’
पार्टी ने आरोप लगाया कि जहां भारत अपने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में स्वदेशी टीकों, टीकाकरण और जन भागीदारी के जरिये देशवासियों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच तैयार करने में लगा था, वहीं विपक्ष कोरोना महामारी के खिलाफ व टीकाकरण अभियान को पटरी से उतारने के लिए हर तरह के ‘‘कुत्सित प्रयास, दुष्प्रचार और साजिशें’’ रचने में व्यस्त था।
पार्टी ने कहा, ‘‘भाजपा की यह कार्यसमिति विपक्ष की गैर जिम्मेदार एवं लोकतंत्र को कमजोर करने वाली मानसिकता की कड़ी निंदा करती है।’’
राजनीतिक प्रस्ताव में किसानों के आंदोलन का कोई उल्लेख नहीं था, लेकिन पार्टी की ओर से दावा किया गया कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि एवं किसानों के लिए पिछले सात वर्षों में जितने काम हुए हैं, उतने आजादी के 70 साल में भी नहीं हुए।
इस कड़ी में फसल बीमा योजना में सुधार, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को डेढ़ गुना करना, छोटे किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की व्यवस्था, विश्व भर में महंगी हुई खाद एवं यूरिया की कीमतों में राहत दिए जाने और सौर ऊर्जा से जुड़ी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा गया कि इन सब प्रयासों से किसानों की आय दोगुनी करने में ‘‘सार्थक’’ पहल हुई है।
राष्ट्रीय कार्यसमिति ने किसानों के लिए समर्पित भाव से काम करने के लिए प्रधानमंत्री के ‘‘अथक प्रयासों’’ की सराहना की।
राजनीतिक प्रस्ताव में इस साल असम, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन को सराहनीय बताया गया और कहा गया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा ने दो से 77 विधानसभा सदस्यों का सफर तय किया और प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बनी।
कार्यसमिति ने इसके अतिरिक्त देश भर में हुए उप-चुनावों और स्थानीय निकाय के चुनावों में भी भाजपा के प्रदर्शन को शानदार बताया और कहा, ‘‘इन चुनावों में जीत यह प्रदर्शित करती है कि हमारी केंद्र सरकार से लेकर हमारी राज्य सरकारें और हमारे द्वारा प्रबंधित स्थानीय निकाय किस तरह लोगों के विश्वास पर निरंतर खरे उतरे हैं।’’
बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा का उल्लेख करते हुए पार्टी ने कहा कि ‘‘तृणमूल कांग्रेस प्रायोजित’’ हिंसा की राजनीति के बावजूद भाजपा राज्य में मुख्य विपक्षी दल के रूप में प्रतिस्थापित हुई।
प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘जिस तरह से पूरे पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार के संरक्षण में बदले की भावना व राजनैतिक विद्वेष की निकृष्ट मानसिकता के कारण निर्दोष भाजपा कार्यकर्ताओं की जघन्य हत्या की गई, उनके घर-दुकान लूटे गए, महिलाओं के साथ अनाचार किया गया, लोगों को पीटा गया, घरों में आग लगाई गई, इससे न केवल पश्चिम बंगाल की संस्कृति शर्मसार हुई है बल्कि यह मानवता पर भी काला धब्बा है और लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है।’’
पार्टी ने कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी है और अपराधियों को सजा दिलवाकर रहेगी।
प्रस्ताव में पार्टी ने आगामी चुनावों में जीत का संकल्प लिया और दावा किया कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भाजपा की ‘‘गरीब कल्याणकारी और विकासोन्मुखी सरकार’’ है।
इसमें कहा गया, ‘‘हम अपनी सरकारों के विकास कार्य और संगठन की मजबूती के बल पर इन राज्यों में बड़ी जीत की ओर अग्रसर हैं और तमाम सर्वे भी इसी बात की ओर इशारा कर रहे हैं।’’