लखनऊ, नगर संवाददाता: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने ताकत झोंकना शुरू कर दिया है। वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए बयानबाजी भी शुरू हो गई है। सपा मुखिया ने अखिलेश यादव ने रैली में मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना गांधी, नेहरू, और पटेल से की है। इसे लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने अखिलेश यादव पर पलटवार किया है।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने न केवल मोहम्मद अली जिन्ना का नाम लेकर करोड़ो बलिदानियों का अपमान किया है, तुष्टीेकरण की राजनीति के चलते भारत रत्न बल्लभ भाई का भी अपमान किया है। एक ही विद्यालय में पढ़ने के बाद एक ने देश का विभाजन करवाया, तो एक ने देश को जोड़ने का काम किया है। ऐसे पार्टी को जनता चुनाव में सबक सिखाएगी। 2022 में 2017 से बुरे हालात होंगे। उनके अपने इस बयान के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा सपा मुखिया अखिलेश यादव देशद्रोहियों और देश तोड़ने वालों के साथ खड़े हैं। भारत को अखंडता के सूत्र में बांधने वाले सरदार बल्लभ भाई पटेल से देश को तोड़ने वाले जिन्ना की तुलना देश व राष्ट्रीयता का अपमान है। यह बताता है कि सपा और उसके मुखिया देश द्रोहियों के साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि सपा मुखिया ने सत्ता में रहते हुए देश को असुरक्षित करने की साजिश करने वाले आंतकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस आजम खां ने भारत माता के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया था, वह सपा की आंखों के तारे हैं और सरकार में उन्हें हमेशा अहम पदों पर बनाए रखा गया था।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिन्ना का समर्थन इस देश की एकता के लिए बलिदान होने वाले हर सेनानी, हर सैनिक और हर राष्ट्रभक्त का अपमान है। सपा व कुछ विपक्षी दलों को तुष्टिकरण की राजनीति के लिए देश व प्रदेश की सुरक्षा व गरिमा के साथ भी खिलवाड़ करने से गुरेज नहीं है।
यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि विभाजनकारी जिन्ना की विचारधारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी,सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरू की विचारधारा कह कर अखिलेश जी ने देश के महापुरुषों का अपमान किया है। समय रहते देश को यह समझ लेना चाहिये कि जिन्ना वाली आजादी की माँग करने वाले हमारे देश मे कौन- कौन जिन्नावादी हैं, जिन्हें जिन्ना के रिश्तेदारों से वोटों की आस है।
गौरतलब हो कि हरदोई की एक जनसभा में अखिलेश यादव ने कहा, सरदार पटेल जमीन को पहचानते थे और जमीन को देखकर फैसले लेते थे। वह जमीन को समझ लेते थे तभी फैसला लेते थे, इसीलिए आयरन मैन के नाम से जाने जाते थे। सरदार पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़ कर बैरिस्टर बन कर आए थे। एक ही जगह पर पढ़ाई लिखाई की। वह बैरिस्टर बने उन्होंने आजादी दिलाई अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा होगा तो वह पीछे नहीं हटे।