नई दिल्ली, नगर संवाददाता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्षता को सियासी सुविधा का साधन बनाने वाली सियासत ने पंथनिरपेक्षता की मूल संवैधानिक भावना के साथ ‘राजनीतिक छल’ किया है।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए धर्मनिरपेक्षता संवैधानिक और नैतिक प्रतिबद्धता है लेकिन ‘‘छद्म धर्मनिरपेक्ष सिंडिकेट’’ ने इसका वोट बैंक के लिए इस्तेमाल किया।
उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की मुफ्त रसोई गैस, आवास और नकदी हस्तांतरण जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का बहुत बड़ा लाभ अल्पसंख्यक समुदाय को भी मिला है।
कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि आजादी के बाद ‘‘अल्पसंख्यक मतों के राजनीतिक सौदागरों’’ ने अल्पसंख्यकों को ठगने और उनके मत हासिल करने के लिए हथकंडे अपनाए और भय का माहौल तैयार किया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों के लिए विकास और सम्मान सुनिश्चित करने के मकसद से ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सभी का प्रयास’’ के मंत्र पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘धर्मनरिपेक्षता के छद्म राजनीतिक चौंपियनों ने अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षणिक सशक्तीकरण को जानबूझकर नजरअंदाज किया। जिन राजनीतिक दलों ने देश में सबसे लंबे समय तक शासन किया उसने धर्मनिरपेक्षता को राजनीतिक सहूलियत के हिसाब से इस्तेमाल किया और बांटने की राजनीति की।’’
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को धर्मनिरपेक्षता का नकाब पहनने वाले राजनीतिक दलों से सावधान रहने की जरूरत है।
उन्होंने दावा किया कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग इस सच्चाई को समझ चुके हैं और इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की नीतियों का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा ‘‘सम्मान के साथ विकास’’ और ‘‘बिना भेदभाव के विकास’’ पर विश्वास करती है।