सिंघू लिंचिंग मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश करें: संयुक्त किसान मोर्चा की मांग

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बृहस्पतिवार को मांग की कि सिंघू बोर्डर पर पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराई जाए और निहंग सिख के एक नेता से मुलाकात करने के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश चौधरी से इस्तीफा देने की मांग की, जिसका समूह कथित तौर पर एक व्यक्ति की जघन्य हत्या में संलिप्त था।
किसान संगठनों के समूह ने लखीमपुर खीरी घटना में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी एवं गिरफ्तारी की मांग तथा कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन के 11 माह पूरा होने पर अखिल भारतीय स्तर पर धरना देने का भी आह्वान किया।
मोर्चा ने बयान जारी कर कहा, ‘‘एसकेएम मांग करता है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश चौधरी तुरंत इस्तीफा दें जिन्होंने निहंग सिखों के एक नेता से मुलाकात की जिसका समूह जघन्य हत्या में संलिप्त था। एसकेएम षड्यंत्र की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने की मांग करता है।’’
इसने कहा कि इस तरह की घटनाओं से ‘‘किसान आंदोलन को बदनाम करने और इसे हिंसा में फंसाने का षड्यंत्र रचा गया।’’
दलित मजदूर लखबीर सिंह का शव 15 अक्टूबर को कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे प्रदर्शन स्थल के पास एक अवरोधक से बंधा पाया गया था। उसका एक हाथ कटा हुआ था और उसके शरीर पर धारदार हथियारों से वार के कई निशान थे।
एसकेएम ने कहा, ‘‘पंजाब के 32 किसान संगठनों की कल सिंघू मोर्चा पर बैठक हुई। घटना की तथ्यान्वेषी रिपोर्ट सौंपने के लिए पांच सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया। सरकार के षड्यंत्र को विफल करने के लिए बैठक में पंजाब के किसानों से कहा गया कि मोर्चा को मजबूत बनाएं।’’

 

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