दिल्ली में अब चलती-फिरती आंगनबाड़ी पहुंचेगी बच्चों तक

नई दिल्ली, नगर संवाददाता : केजरीवाल सरकार की अनूठी पहल के तहत आंगनवाड़ी आपके द्वार बस लांच हुई। अब दिल्ली में चलती-फिरती आंगनबाड़ी बच्चों तक पहुंचेगी। वो बच्चे जो किसी कारणवश आंगनबाड़ियों तक नहीं पहुँच पाते है, अब दिल्ली सरकार की चलती-फिरती आंगनबाड़ी उन बच्चों तक पहुँच उन्हें पोषक आहार देने के साथ-साथ उनके शैक्षणिक व स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को भी पूरा करेगी। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ‘आंगनबाड़ी ऑन व्हीलस’ कार्यक्रम को लांच किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली के हर एक बच्चे को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘आंगनबाड़ी ऑन व्हीलस’ इस दिशा में दिल्ली सरकार का एक अनूठा प्रयास है जिसके जरिए ये सुनिश्चित किया जाएगा कि 0-6 साल तक के हर बच्चे की आंगनबाड़ी तक पहुँच हो।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी का विजन है कि दिल्ली के हर एक बच्चे को अच्छा पोषक आहार और अच्छी शिक्षा मिले। केजरीवाल सरकार का लक्ष्य समाज के अंतिम छोर तक रहने वाले लोगों तक अपनी योजनायों को पहुँचाना है ताकि उन योजनाओं के माध्यम से लोगों की जिन्दगी में बेहतर बदलाव आ सके। उन्होंने कहा कि किसी एक बच्चे की बेहतरी के लिए काम करना जरूरी है लेकिन हर एक बच्चे की बेहतरी के लिए काम करना बेहद जरूरी है और केजरीवाल सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है।
श्री सिसोदिया ने कहा कि आंगनबाड़ी ऑन व्हील्स कार्यक्रम के तहत दिल्ली सरकार का उद्देश्य हे उस बच्चे तक पहुंचना है जी किसी कारण आंगनबाड़ी तक नहीं पहुँच पाते है। इन बसों के माध्यम से प्रशिक्षित आंगनबाड़ी वर्कर्स द्वारा 0-6 साल तक के बच्चों को अर्ली चाइल्डहुड केयर एजुकेशन दिया जाएगा। साथ ही बच्चों को पोषक आहार भी दिया जाएगा।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री, राजेंद्र पाल गौतम ने साझा किया कि महिला और बाल सुधार के क्षेत्र में केजरीवाल सरकार प्राथमिकता के साथ काम कर रही है। इस दिशा में विभाग ने वर्ष 2021 में सहेली समन्वय केंद्र’ (एसएसके) के माध्यम से बालिकाओं/महिलाओं की देखभाल और सुरक्षा के लिए एकीकृत हब मॉडल की शुरुआत की। इसके पहले चरण में 101 एसएसके और दूसरे चरण में 354 एसएसके का संचालन किया गया। इन सहेली समनव्य केन्द्रों में 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए 50 क्रेच व डे-केयर सर्विसेज को भी जोड़ा गया है। साथ ही 329 पर्यवेक्षकों और 10,245 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से अर्ली चाइल्डहुड केयर एजुकेशन पर डिजिटल प्रशिक्षण दिया गया है।

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