दुबई, नगर संवाददाता : किंग्स इलेवन पंजाब ने अपना नाम बदलकर पंजाब किंग्स रखा लेकिन ये नया नाम भी पंजाब की किस्मत नहीं बदल सका और पंजाब की टीम लगातार दूसरे वर्ष 12 अंकों के साथ तालिका में छठे स्थान पर रही ।एक नए नाम के साथ सीजन की शुरुआत करते हुए, पंजाब किंग्स ने जीत के साथ अपने अभियान की शुरुआत की, लेकिन अपने अगले सात मैचों में से पांच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यूएई में, एक जीत हासिल करने के लिए उनका संघर्ष जारी रहा और वे अंक तालिका के बीच में एक जटिल स्थिति में फंस गए। उन्होंने अपने पिछले तीन मैच जीते लेकिन खराब नेट रन रेट के कारण प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गए। उनकी बल्लेबाजी में समस्याएं बनी रहीं, जो लोकेश राहुल और मयंक अग्रवाल की सलामी जोड़ी के आउट होने के बाद विफल होती दिख रही थी। लेकिन सकारात्मक पक्ष पर बात करें तो उनके अनकैप्ड भारतीय गेंदबाज अर्शदीप सिंह, रवि बिश्नोई और हरप्रीत बराड़ हर मौके पर खरे उतरे। राहुल लगातार चौथे साल टूर्नामेंट में शीर्ष तीन स्कोररों में शामिल थे, उन्होंने 13 मैचों में 626 रन बनाए, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट फिर से एक बड़ा चर्चा का विषय था। उन्होंने 2021 सीजन की शुरुआत 50 गेंदों में 91 के साथ की, लेकिन रॉयल चौलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ 57 गेंद में 91 नाबाद और चेन्नई सुपर किंग्स के खलिफ 42 गेंद पर नाबाद 98 रनों की दो पारियों को छोड़कर, धीरे-धीरे स्कोर करने के कारण उनका स्ट्राइक रेट खिसकता चला गया। बाकी दस मैचों में उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 114 के करीब था। उनके रूढ़िवादी दृष्टिकोण का हमेशा टीम पर वांछित प्रभाव नहीं पड़ा, जिसे उन्होंने स्वीकार भी किया। बायो-बबल की थकान का हवाला देते हुए पंजाब किंग्स के अनुभवी बल्लेबाज क्रिस गेल ने यूएई में टीम का साथ छोड़ दिया। सीपीएल बायो-बबल से बाहर आने के बाद गेल ने कहा कि वह टी20 विश्व कप से पहले मानसिक रूप से खुद को तरोताजा करना चाहते हैं।