दिल्ली में पहली बार 32 श्रेणियों में सर्कल रेट बांटने की सिफारिश

नई दिल्ली, नगर संवाददाता : दिल्ली में नए सर्कल दरों के लिए इस बार संपत्तियों को पहली बार कुल 32 से अधिक श्रेणियों में बांटा गया है। सर्कल दरों को तय करने के लिए बनाई गई मूल्यांकन समिति ने मौजूदा आठ श्रेणियों के अंदर सब श्रेणी बनाकर संपत्तियों का मूल्यांकन किया है। इसके चलते पहली बार एक श्रेणी में आने वाली संपत्तियों की दरें कहीं 25 फीसदी तक बढ़ सकती हैं तो कहीं घट भी सकती हैं।
सूत्रों की मानें तो समिति ने अपनी सिरफारिश संबंधित मंत्रालय को भेज दी है। सर्कल रेट मूल्यांकन समिति में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक हमने संपत्तियों के मूल्यांकन के लिए अलग-अलग सब कमेटी का गठन किया था। बाजार में चल रहे मूल्य को ध्यान में रखकर मौजूदा आठ श्रेणी ए, बी, सी, डी, ई, एफ, जी और एच के अंदर पड़ने वाली कॉलोनियों को चार से पांच श्रेणियों में बांटा गया है, जिससे जहां जो बाजार भाव चल रहा है उसके हिसाब से सर्कल रेट तय किया जा सके।
अधिकारियों ने नई प्रस्तावित सर्कल दरें बताने से इंकार कर दिया पर कहा कि एक ही एक श्रेणी के अंदर आने वाली संपत्तियों की दरें सब श्रेणी बनने से घटाई भी गई हैं और कहीं-कहीं बढ़ाई भी गई हैं। उन्होंने कहा कि हमने बाजार भाव के आसपास ही जमीन के नए सर्कल रेट करने की सिफारिश की है। बताते चलें कि दिल्ली में अभी सबसे महंगी ए श्रेणी की संपत्ति की सर्कल दरें 7.74 लाख प्रति वर्गमीटर हैं। सबसे सस्ती दें एच श्रेणी की 23 हजार 380 प्रति वर्गमीटर है।
सिफारिशों की समीक्षा होगी
राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि मूल्यांकन समिति की जो सिफारिश है इसकी समीक्षा की जाएगी। रिव्यू करने के बाद उसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उसके बाद ही नई सर्कल दरें लागू होंगी। अभी इसपर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। बताते चलें कि दिल्ली में आखिरी बार 2012 में संपत्ति की दरें बढ़ी थीं। केजरीवाल सरकार आने के बाद इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।

 

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