नई दिल्ली, नगर संवाददाता: कोविड के साथ बदलती दुनिया में काम करने के लिए लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा देवांशी रंजन और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र कैफ को प्रतिष्ठित ‘द डायना अवार्ड 2021’ मिला है। कैफ अली, वास्तुकला स्नातक चतुर्थ वर्ष (बी आर्क) के छात्र हैं, जबकि देवांशी रंजन स्नातक तृतीय वर्ष की छात्रा हैं।
जामिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार ‘डायना प्रिंसेस ऑफ वेल्स की स्मृति में स्थापित यह पुरस्कार उनके नाम की चैरिटी द्वारा दिया जाता है। इसे उनके दोनों बेटों, द ड्यूक ऑफ कैम्ब्रिज और द ड्यूक ऑफ ससेक्स का समर्थन प्राप्त है। यह विश्व के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक है, जिसे एक युवा व्यक्ति अपने सामाजिक कार्य या मानवीय कार्यों के लिए प्राप्त कर सकता है।
जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने इस उपलब्धि के लिए कैफ को बधाई दी और कहा कि विश्वविद्यालय को उन पर गर्व है। यह नवोन्मेष समय की आवश्यकता के अनुसार है और यह दर्शाता है कि आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में लीक से हटकर सोचने की जरूरत है।
पिछले साल, जैसे ही कोरोना महामारी ने पैर पसारे, कैफ ने शोध शुरू किया कि कैसे वास्तुकला बीमारी के प्रसार को रोकने में मदद कर सकती है। उन्होंने एक पूर्व निर्मित टिकाऊ आश्रय तैयार किया जो न केवल वायरस के संचरण को कम करने में मदद था, बल्कि भविष्य में दुनिया भर में शरणार्थियों को घर दे सकता है।
कैफ के अनुसार उनका डिजाइन अब नाइजीरिया के लागोस में प्रयोग किया जा रहा हैए जिसे भारत सरकार, राष्ट्रमंडल राष्ट्रों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु कार्रवाई को सुलझाने वाले शीर्ष 11 उभरते इनोवेशन स्टार्ट.अप के तहत सराहा गया है। कैफ एक बेहतर दुनिया के निर्माण के लिए वास्तुकला का उपयोग करने और युवा पीढ़ी को संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के लिए प्रेरित करने की उम्मीद करते हैं।
वहीं देवांशी रंजन को वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमणकाल के दौरान निर्भिक रूप से सामाजिक और मानवीय सेवाओं में अग्रणी भूमिका निभाने पर डायना अवार्ड से सम्मानित किया। वर्चुअल मीटिंग के दौरान प्रिंस विलियम, द ड्यूक आफ कैम्ब्रिज, ड्यूक एक्सेस और प्रिंस हैरी की उपस्थिति में यह अवार्ड देवांशी रंजन को दिया गया। इस अवार्ड मिलने के बाद देवांशी रंजन ने कहा कि सेवा भावना की प्रेरणा मुझे अपने पिता राजीव रंजन और मां से मिली है।