नई दिल्ली, नगर संवाददाता: आर्थिक अपराध शाखा ने आईएफएस अधिकारी बनकर दो करोड़ 36 लाख रुपये की ठगी करने वाले जालसाज को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान पीयूष बंद्योपाध्याय के तौर पर हुई है। आरोपी पहले से इसी तरह के एक मामले में न्यायिक हिरासत में है। ईओडब्ल्यू ने प्रोडक्शन वारंट के जरिए हिरासत में लिया है।
एडिशनल सीपी आरके सिंह ने बताया कि पीड़ित ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दी थी, जिसके आधार पर दो जून को एफआईआर दर्ज की गई थी। पेशे से व्यवसायी पीड़ित ने बताया कि 2019 में उसकी मुलाकात दयाशंकर मिश्र नाम के शख्स हुई थी। दयाशंकर ने अपने उच्च पदस्थ आईएएस व आईएफएस अधिकारियों से संबंध होने का हवाला देकर मेक इन इंडिया परियोजना में ठेका दिलाने का झांसा दिया। इसी क्रम में दयाशंकर ने श्वेता और उसके पति पीयूष से अशोक होटल में मुलाकात कराई। पीयूष का परिचय आईएफएस अधिकारी के तौर पर और श्वेता को मेक इन इंडिया परियोजना से जुड़ी कंपनी की अधिकारी के तौर पर कराया गया। तीनों आरोपियों ने बताया कि वे पूर्वोत्तर राज्यों में कूड़े के प्रबंधन की परियोजना के लिए शख्स की तलाश कर रहे हैं। श्वेता ने कहा कि अगर उपयुक्त व्यक्ति मिल जाए तो वह निवेश के लिए फर्म का प्रबंध भी कर देगी। इस तरह ठेका दिलाने का झांसा देकर आरोपियों ने करीब दो करोड़ 36 लाख रुपये विभिन्न काम के बहाने ले लिए। जब पीड़ित को ठेका नहीं मिला तो उसे ठगे जाने का अहसास हुआ। एडिशनल सीपी आरके सिंह ने बताया कि पुलिस ने बैंक खातों की जांच के आधार पर पीयूष को गिरफ्तार कर लिया। पीयूष ठीक ऐसे ही मामले में 2020 में आर्थिक अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।