अलीगढ़, नगर संवाददाता: एएमयू विधि विभाग के एसोसिएट प्रो. डा सैयद अली नवाज जैदी ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के विधि विभाग द्वारा आयोजित वेबिनार में ‘द रोल आफ ट्रीज इन बैलेंसिंग एनवायरनमेंट, अ ज्यूडिशियल कंटेम्पलेशन’ विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रकृति का नियम है कि उसे सभी रूपों में अपने जीवन चक्रों का अस्तित्व बनाए रखने और उसके विकास के लिये काम करने का उसे अधिकार है।
डा. जैदी ने प्रकृति की सुरक्षा के लिए कानूनी शब्दावली का प्रयोग करते हुए कहा कि नागरिकों के लिए जीवन के अधिकार की तरह, स्वस्थ प्राकृतिक वातावरण के अधिकार भी हैं, परन्तु यह कर्तव्यों के साथ संलग्न है। उन्होंने पर्यावरण को संतुलित करने की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए पेड़ों को काटने के दुष्परिणामों के बारे में बताया।
डा जैदी ने वन सम्बन्धित विभिन्न पर्यावरणीय न्याय व्यवस्था का वर्णन करते हुए इस बात पर जोर दिया ‘वुडन फर्नीचर के काम और ओआरएस बनाम सरकार और अन्यष् मामले के अध्ययन से पता चलता है कि पर्यावरण को भारत में एक कानूनी हैसियत प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पेड़ लगाने का उपदेश न केवल भारतीयों के लिए आय का एक नया स्रोत बन गया हैए बल्कि आने वाले समय में भारत को लकड़ी की आयात लागत से भी बचायेगा। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक वृक्षारोपणए वातावरण को बहाल करने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में मदद देगा।