नोएडा, नगर संवाददाता: बाइक बोट घोटाले में तीसरी सबसे अहम कड़ी माने जा रहे बीएन तिवारी को एसटीएफ की टीम ने लखनऊ के गोमती नगर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर 50 हजार का इनाम घोषित था। आरोपी को घोटाले का मास्टरमाइंड माना जाता है। एसटीएफ की टीम आरोपी से पूछताछ कर घोटाले से संबंधित जानकारी जुटा रही है।
संजय भाटी और बिजेंद्र हुड्डा के बाद बीएन तिवारी कंपनी में तीसरे सबसे अहम आदमी था। वह एक न्यूज चैनल का भी मालिक है। बाइक बोट घोटाले में दर्ज हुए अधिकांश मुकदमों में वह आरोपी है। उसको लखनऊ से लाकर गौतमबुद्ध नगर जिले के दादरी थाने में लाया जाएगा और यहां से सूरजपुर अदालत में पेश किया जाएगा। बाइक बोट कंपनी के मालिक संजय भाटी को गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से बसपा का टिकट दिलवाने में भी बीएन तिवारी को अहम कड़ी माना जा रहा था।
मेरठ ईओडब्ल्यू की टीम ने इस घोटाले के छह आरोपियों के खिलाफ अदालत से कुर्की के आदेश लिए थे। इनमें मुख्यारोपी संजय भाटी की पत्नी दीप्ती बहल, बीएन तिवारी, भूदेव, लोकेंद्र, वीरेश भाटी और बिजेंद्र हुड्डा शामिल थे। इनमें सबसे पहली 1 फरवरी को बीएन तिवारी की संपत्ति की कुर्की हुई थी।
निवेशकों का दावा है कि ई-बाइक लॉन्चिग के लिए बाइक बोट कंपनी से तिवारी को 25 करोड़ रुपये दिए गए। इस मौके पर दिल्ली के बड़े अधिकारी को भी बुलाया गया। इससे नए लोगों का कंपनी में विश्वास बढ़ गया और दिल्ली-एनसीआर के बड़ी संख्या में लोगों ने कंपनी में रुपये निवेश कर दिए।
इस मामले में देशभर में 700 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। गौतमबुद्ध नगर में दर्ज मुकदमों में से 68 मुकदमों की जांच वर्तमान में ईओडब्ल्यू मेरठ यूनिट कर रही है। 12 मुकदमों की जांच नोएडा क्राइम ब्रांच के पास है।
बाइक बोट कंपनी में संजय भाटी के बाद नंबर दो की हैसीयत रखने वाले बिजेंद्र हुड्डा को गिरफ्तार करने के लिए जांच एजेंसियों ने प्रयास तेज कर दिए हैं। उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है और 192 देशों में उसकी तलाश की जा रही है। उसके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए गृहमंत्रालय को भी पत्र लिखा गया है।