मथुरा, उत्तर प्रदेश, नगर संवाददाता: किसी ने नहीं सोचा था कि नौ रोज पूर्व जिस दुल्हन को वह पूरे उल्लास के साथ अपने घर विदा कराकर लाये हैं उसकी अर्थी इतनी जल्दी उनके घर से उठेगी। 16 फरवरी को चैमुंहा के जुझार मौहल्ले में ब्याह कर आयी नवविवाहिता दो रोज पूर्व दसईं की रस्म में अपने मायके दिल्ली गयी थी। रास्ते में उसकी तबियत बिगड़ गयी और झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते देर रात उसकी मौत हो गयी। मायके वाले विवाहिता का शव लेकर आज चैमुंहा स्थित ससुराल पंहुचे तो पूरे परिवार में कोहराम मच गया। मिली जानकारी के अनुसार रिपोर्टिंग पुलिस चैकी जैंत क्षेत्र अंतर्गत चैमुंहा के जुझार मौहल्ले में रहने वाले पवन कुमार गुप्ता की शादी गुड़िया 20 वर्ष के साथ हुयी थी। 22 फरवरी को मायके से कुछ लोग उसे दसईं की विदा कराकर ले गये थे। रास्ते में ही गुड़िया की तबियत बिगड़ गयी। रास्ते में नवविवाहिता को दिल्ली के ओखला क्षेत्र स्थित एक झोलाछाप चिकित्सक के यहां ले जाया गया जहां चिकित्सक द्वारा उसके इलाज के दौरान लगातार ग्लूकोज की बोतलें चढा दिये जाने से देर रात उसकी मौत हो गयी। मृतका के भाई रोहित ने बताया कि झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ उनके द्वारा कार्यवाही की जा रही है लेकिन उनकी बहिन नहीं रही और वे इस सब से काफी दुखी हैं। पिता का साय पूर्व में ही उठ चुका था और उनके सपनों को साकार करने के लिये बहिन की शादी की थी जो नौ दिन भी सुहागन नहीं रह पायी।