नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दक्षिण दिल्ली निगम सदन की बैठक में शिक्षा विभाग में एससी-एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर विपक्ष के नेता आप और कांग्रेस पार्षदों ने महापौर सहित शिक्षा अधिकारियों को घेरा और करोड़ों रुपये घोटाला करने के आरोप लगाए। विपक्ष के पार्षदों ने न केवल जमकर नारेबाजी की बल्कि घोटाले संबंधी पोस्टर हाथों में लेकर वेल में आ गए। विपक्ष ने मांग कि जब तक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निलंबित नहीं किया जाएगा, सदन की कार्रवाई नहीं चलने दी जाएगी। साथ ही उन्होंने शिक्षा विभाग की जमीनों पर हो रहे कब्जों के मुद्दे को भी उठाया। इसके चलते सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
सदन की बैठक शुरू होते ही आप के नेता विपक्ष प्रेम चैहान ने दक्षिण निगम के मध्य जोन में शिक्षा विभाग द्वारा फर्जी तरीके से खातों में छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपये को लेकर कहा कि शिक्षा विभाग ने निचले स्तर के कर्मचारियों को निलंबित कर दिया, लेकिन सत्ता पक्ष वरिष्ठ अधिकारियों को बचाने में लगा हुआ है। उन्होंने भ्रष्टाचार विभाग से जुड़ी एक शिकायत के दस्तावेजों को सदन की बैठक में दिखाते हुए कहा कि आखिर क्यों नहीं शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है?
कांग्रेस के पार्षद अभिषेक दत्त ने ग्रेटर कैलाश पार्ट- दो तथा मालवीय नगर में दक्षिण निगम शिक्षा विभाग की जमीन पर हो रहे कब्जे और दुकानों के निर्माण को लेकर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग अपनी जमीन पर क्यों कब्जे करा रहा है? उन्होंने मांग की शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाए और महापौर पर भी आरोप लगाए।
इन मुद्दों को लेकर जब विपक्ष महापौर अनामिका सिंह के सामने वेल में आए तो वह उठ चली गईं और 20 मिनट तक सदन की कार्रवाई स्थगित रही। जब पुनः सदन की कार्रवाई शुरू की गई तो आप और कांग्रेस पार्षदों ने फिर से विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद बैठक को फिर से अगले माह तक होने वाली सदन की बैठक के लिए स्थगित कर दिया गया।