नई दिल्ली, नगर संवाददाता: कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और सुरक्षा में कथित चूक की जांच की मांग वाली याचिका पर उच्च न्यायालय ने गुरुवार को सुनवाई से इनकार कर दिया। पीठ ने याचिकाकर्ता से सवाल करते हुए कहा कि आप चाहते हैं कि घटना के दो दिन के भीतर ही जांच पूरी हो जाए। क्या सरकार के पास कोई जादू की छड़ी है, जिसे घुमाते ही सब कुछ पलक झपकते हो जाएगा। न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप या तो याचिका वापस लें अन्यथा जुर्माने के साथ इसे खारिज किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विवेक नारायण शर्मा से यह बताने के लिए कहा कि क्या उन्होंने 26 जनवरी की घटना के ठीक बाद याचिका लिखनी शुरू कर दी थी। यह याचिका 29 जनवरी को दाखिल की गई। न्यायालय ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि क्या आपको पता है कि दंड प्रक्रिया संहिता के तहत जांच करने के लिए कितना समय दिया गया है। आप एक वकील भी हैं, बताएं कि कानून में जांच के लिए कितना समय दिया गया है। पीठ ने कहा कि आप याचिका वापस ले रहे हैं या हम जुर्माना लगाकर खारिज करें। अधिवक्ता ने कहा कि वह याचिका वापस लेना चाहते हैं। न्यायालय ने याचिका को वापस मानते हुए खारिज कर दिया। इससे पहले सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि हिंसा को लेकर 43 मुकदमा दर्ज किया गया है। मेहता ने कहा कि इनमें से 13 मामलों की जांच विशेष प्रकोष्ठ (अपराध शाखा) को स्थनांतरित कर दी गई है।