नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने सुनवाई की मिश्रित (हाइब्रिड) प्रणाली लागू करने के लिए कदम उठाए हैं जिसमें टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के साथ-साथ अदालत कक्ष में सुनवाई में शिरकत की जा सकती है। उच्च न्यायालय ने एक प्रशासनिक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि जब कोई विशेष पीठ डिजिटल रूप से सुनवाई कर रही है, तो कोई वकील पूर्व सूचना देकर मामले की डिजिटल सुनवाई का विकल्प चुन सकता है। उसने अदालत कक्ष में फिर से सुनवाई शुरू करने से संबंधित 14 जनवरी के अपने उस आदेश को संशोधित किया है जिसमें उच्च न्यायालय ने अदालत कक्षों में मामलों की सुनवाई करने के लिए न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया था। शुक्रवार को जारी कार्यालय आदेश में कहा गया है, ‘‘इस अदालत ने पहले ही मिश्रित सुनवाई के लिए कदम उठाए हैं ताकि किसी मामले में एक पक्ष डिजिटल माध्यम से सुनवाई में शामिल हो सके, जबकि दूसरा अदालत कक्ष में मौजूद हो।’’ दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल के अदालत कक्ष में सुनवाई की मिश्रित प्रणाली के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित करने के कदम पहले ही शुरू किए जा चुके हैं और डिजिटल तरीके से अधिवक्ताओं के सुनवाई में शामिल होने के लिए टीवी स्क्रीन लगाए गए हैं।