नई दिल्ली, नगर संवाददाता: कोविड-19 टीकाकरण अभियान के दो दिनों में स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगने की रफ्तार धीमी रहने के बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि यह कवायद स्वैच्छिक और व्यक्तिगत निर्णय से जुड़ी है कि टीका लगवाना है या नहीं? हालांकि लोगों का भरोसा बढ़ाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही कहा कि लोगों का भरोसा धीरे-धीरे बढ़ेगा। दिल्ली में सोमवार को करीब 3600 स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 का टीका लगाया गया था जोकि टीकाकरण अभियान के पहले दिन की तुलना में कम रहा। जैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ दिल्ली में दिन का लक्ष्य 8,136 था और 3,598 को टीका लगाया गया जोकि लक्ष्य का करीब 44 फीसदी है।’’ उन्होंने कहा कि यह एक स्वैच्छिक कार्यक्रम है और लोग स्वयं अपना फैसला ले रहे हैं क्योंकि यह शुरुआती चरण है। यह पूछे जाने पर कि कुछ नेताओं द्वारा इसके प्रभाव एवं सुरक्षा को लेकर संशय जताया जाना भी एक कारण हो सकता है तो जैन ने कहा, ‘‘ नहीं। टीका लगवाना व्यक्तिगत निर्णय है और इसका टीके के संबंध में की गई राजनीतिक बयानबाजी से कोई लेना-देना नहीं है।’’ शनिवार को शुरू हुए देशव्यापी टीकाकरण अभियान के अंतर्गत शहर में 8,117 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाने का लक्ष्य था जबकि 81 केंद्रों में कुल 4,319 (53 फीसदी) कर्मियों को ही टीका लगाया जा सका। वहीं, मंगलवार को टीके के बाद प्रतिकूल असर के 26 मामले सामने आए, जिनमें से एक को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जैन ने कहा कि एलबीएस अस्पताल के एक डॉक्टर को भर्ती कराना पड़ा है।