ग्रेटर नोएडा, नगर संवाददाता: कोविड-19 अस्पताल जिम्स में तैनात डॉ रवि शर्मा कोरोना वायरस को मात देने के दौरान 14 जुलाई को स्वयं संक्रमित हो गए। इसके कारण उन्हें उसी अस्पताल में एडमिट किया गया, जहां वे खुद कोरोना के मरीजों का इलाज करते थे। डॉ रवि 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे और अपनी बीमारी के दौरान भी मरीजों का इलाज करते रहे। डॉ रवि का कहना है कि वार्ड में डॉक्टर रोज राउंड पर आते थे, इस बीच किसी मरीजों को कोई दिक्कत होती थी तो वे मरीजो को खुद देख लेते थे। जिम्स संस्थान के निदेशक डॉ (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता ने बताया कि रवि शर्मा एक सच्चे कोरोना वॉरियर्स 15 दिनों के बाद जब उन्हें 14 दिनों के क्वारटाइन के बाद डिस्चार्ज किया गया तो वे ड्यूटी पर लौट आए और कोरोना मरीजों की सेवा में लग गए। उन्होंने बताया कि अपनी ड्यूटी पर लौट आने के बाद डॉ रवि शर्मा ने एक कदम आगे बढ़ते हुए मंगलवार को अपना प्लाज्मा दान किया। उनका कहना था कि इससे गंभीर मरीज की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने स्वस्थ होने वाले सभी मरीजों को ऐसा करने कि अपील की है। उनका का कहना है कि अगर कोरोना को मात देनी है, तो लोग घर में रहें, सुरक्षित रहें, मास्क का प्रयोग करें, शारीरिक दूरी बनाकर रखें। संस्थान के निदेशक डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि संस्थान को रवि शर्मा पर गर्व है कि वह एक सच्चा कोरोना वॉरियर्स है।