नई दिल्ली/नगर संवाददाता : सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की नई पीठ निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषी अक्षय कुमार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने अक्षय के वकील एपी सिंह को दलीलें रखने के लिए 30 मिनट का समय दिया है। एपी सिंह ने कहा कि मामले की जांच कई सवालों के घेरे में है। अब हमारे पास नए तथ्य हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दोपहर 1 बजे अपना फैसला सुनाएगा।
अक्षय के वकील ने पीठ से कहा. पीड़िता का दोस्त मीडिया से पैसे लेकर इंटरव्यू दे रहा था। इससे केस प्रभावित हुआ। वह विश्वसनीय गवाह नहीं था। इस पर जस्टिस भूषण ने कहा कि इसका इस मामले से क्या संबंध है? वकील ने कहा. वह लड़का मामले में इकलौता चश्मदीद गवाह है। उसकी गवाही मायने रखती है।
वकील ने दलील दी कि मीडिया, राजनीति और जनता के दबाव में अक्षय को दोषी ठहरा दिया गया। पीड़ित ने आखिरी बयान में किसी का नाम नहीं लिया, उसकी मौत ड्रग ओवरडोज से हुई थी।
तीन जजों की बेंच कर रही है सुनवाई: प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने दिसंबर 2012 में हुए निर्भया बलात्कार और हत्याकांड में दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले के खिलाफ एक दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई से मंगलवार को खुद को अलग कर लिया। इस मामले के लिए 3 जजों की नई पीठ का गठन किया गया है, जो इस मामले की सुनवाई कर रही है।
फांसी से बचने के लिए दिया था अजीब तर्क: इस मामले में दोषी अक्षय ने दया का अनुरोध करते हुए दलील दी थी कि दिल्ली में बढ़ते वायु और जल प्रदूषण की वजह से जीवन छोटा होता जा रहा है इसलिए उसे फांसी की सजा न दी जाए।