नई दिल्ली/नगर संवाददाता : राजधानी दिल्ली के जामिया इलाके में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पहले उग्र हुआ जिसने बाद में हिंसक रूप ले लिया। नागरिकता संशोधन कानून 2019 को लेकर रविवार शाम पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में स्टूडेंट्स और पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। प्रदर्शनकारियों ने बसों में आग लगा दी थी।
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिर्वसिटी छात्रों के अलावा जेएनयू और दूसरे संगठनों के लोगों ने पुलिस मुख्यालय पर धरना शुरू कर दिया था। हालांकि देर रात पुलिस द्वारा 50 छात्रों को रिहा करने के बाद सोमवार सुबह 4 बजे प्रदर्शनकारियों ने धरना खत्म कर दिया। नोएडा, गाजियाबाद में ऐहतिहातन कुछ स्कूलों को बंद रखा गया है। कांग्रेस ने हिंसा की जांच की मांग की है। हिंसा के बाद छात्राएं जामिया छोड़कर जा रही हैं।
दिल्ली के सारे मेट्रो स्टेशन खोल दिए गए हैं। रविवार को 15 स्टेशन बंद कर दिए गए थे। मेरठ में भी ऐहतिहातन इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। जामिया कैंपस में 5 जनवरी तक छुट्टी घोषित कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों ने निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की बात कही है। खबरों के अनुसार सोमवार को पुलिस और छात्रों के एक दल की मुलाकात हो सकती है।
रविवार शाम दिल्ली के जामिया इलाके में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया था। प्रदर्शनकारियों ने जुलेना के पास 3 बसों में आग लगा दी थी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी, आंसू गैस के गोले का प्रयोग किया था। जामिया और जेएनयू के छात्रों को दूसरे संगठनों का समर्थन भी मिला है।