नई दिल्ली/नगर संवाददाता : संसद का शीतकालीन सत्र आज सोमवार से शुरू हो रहा है। यह शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा। केंद्र सरकार ने कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों को सत्र में सार्थक चर्चा का आग्रह किया है। मोदी सरकार इस सत्र में नागरिकता संशोधन बिल समेत 27 बिल को इस सत्र में लाने की तैयारी में है। राम मंदिर ट्रस्ट के लिए भी सरकार इस सत्र में बिल भी पेश कर सकती है।
विपक्ष अर्थव्यवस्था के मौजूदा स्थिति, रोजगार, युवा और किसानों के मुद्दे, गांधी परिवार की सुरक्षा घटाने और फारुख अब्दुल्ला समेत अन्य कश्मीरी नेताओं की हिरासत के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। इस सत्र में लोकसभा की 20 बैठकें प्रस्तावित हैं।
क्या है नागरिक संशोधन विधेयक?: सरकार ने नागरिकता (संशोधन विधेयक) को इस सत्र में पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है। इस विधेयक का उद्देश्य पड़ोसी देशों से आए गैरमुस्लिम प्रवासियों को राष्ट्रीयता देना है। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इस विधेयक को पेश किया था, लेकिन यह पारित नहीं हो पाया था।
अहम बिल पेश कर सकती है सरकार: शीतकालीन सत्र में लोकसभा की 20 बैठकें प्रस्तावित हैं। मोदी सरकार इस सत्र में दोनों सदनों में कई महत्वपूर्ण बिल पेश कर सकती है। इनमें नागरिकता संशोधन विधेयक, दिल्ली में 1,728 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करना, डॉक्टरों पर हमला करने वाले लोगों को दंडित करने का बिल भी शामिल है। सरकार 2 अध्यादेशों. कॉर्पोरेट कर की दर में कटौती और ई.सिगरेट पर प्रतिबंध को कानून में बदलने के लिए भी बिल लाएगी।
सहयोग के लिए बुलाई थी सर्वदलीय बैठक: सरकार की ओर से रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इसमें 27 दलों के नेता शामिल हुए। शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी संसद भवन में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने सभी दलों से सदन को सुचारु रूप से चलाने में सहयोग करने की अपील की। ओम बिरला ने नेताओं को आश्वस्त किया कि सभी को बात रखने और उनके उठाए मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने का पूरा प्रयत्न किया जाएगा।