नई दिल्ली/नगर संवाददाता : जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) द्वारा विश्वविद्यालय के हाल के फैसलों के खिलाफ सोमवार को किए गए विरोध प्रदर्शन को संभालने के लिए 600 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया लेकिन छात्रों पर लाठीचार्ज नहीं किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
शुल्क वृद्धि के विरोध में प्रदर्शन के दौरान जेएनयू के हजारों छात्रों का पुलिस के साथ संघर्ष हो गया और इस वजह से मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 6 घंटे से भी अधिक समय तक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह स्थल पर फंसे रहे।
विश्वविद्यालय के छात्र अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के परिसर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। यहीं विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने संबोधित किया।
छात्रों का दावा है कि पुलिस ने उनके खिलाफ बल का प्रयोग किया और उनमें से कई छात्र घायल हो गए। हालांकि पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वरिष्ठों का आदेश था कि बल का इस्तेमाल नहीं करना है। उन्होंने कहा कि हम अपने साथ लाठियां तक लेकर नहीं आए थे। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा लेकिन छात्रों पर लाठीचार्ज नहीं किया गया है। अधिकारी ने कहा कि वास्तव में हमारे कई पुलिसकर्मी और महिलाएं घायल हो गईं।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि उन्हें विरोध प्रदर्शन के बड़ा होने के बारे में खुफिया सूचनाएं मिली थीं और इसी के अनुसार सुबह से ही परिसरों के बाहर अद्धसैनिक बल और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। ड्यटी पर 600 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया।
जब विरोध प्रदर्शन बढ़ने लगा और छात्रों ने स्थल से जाने से मना कर दिया तो पदाधिकारियों को मानव संसाधन विकास मंत्री से मिलने दिया गया। मंत्री से मिलने के बाद कुछ प्रदर्शनकारी मौके से चले गए लेकिन छात्र संघ के नेता और कई अन्य वहीं रूके रहे और उन्होंने जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार से मुलाकात होने तक जाने से इंकार कर दिया।
अधिकारी ने कहा कि उन्हें अंतत: शाम 7 बजे तितर.बितर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि छात्रों का कहना है कि वे विश्वविद्यालय में शुल्क वृद्धि के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।