चंडीगढ़/नगर संवाददाता : हरियाणा विधानसभा चुनाव में सबसे कम अंतर से चुनाव जीते हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा एक बार फिर भाजपा के करीब दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं, नई सरकार के गठन में भाजपा को उनसे काफी उम्मीदें हैं।
भाजपा ने इस चुनाव में 40 सीटें जीती है और उसे सरकार बनाने के लिए 6 और विधायकों का समर्थन चाहिए। कहा जा रहा है कि उनके साथ कई अन्य निर्दलीय विधायक भी भाजपा के साथ आ सकते हैं। ऐसे में ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या सबसे पहले समर्थन की घोषणा करने वाले गोपाल कांडा को हरियाणा सरकार में मंत्री बनाया जाएगा।
समाचार एजेंसी एएनआई ने रात 1 बजे के लगभग कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं। इन तस्वीरों में गोपाल कांडा एक कार में बैठकर कहीं जाते हुए दिख रहे हैं। इसके बाद गोपाल कांडा ने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के दिल्ली स्थित घर पर मुलाकात भी की।
कांडा को दिल्ली लाने वालीं भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा है कि उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यह सूचना दे दी है कि कांडा सहित दूसरी पार्टियों के भी कुछ नेता बिना शर्त बीजेपी को समर्थन देने के लिए तैयार हैं।
602 वोटों से जीता चुनाव: 90 सदस्यीय विधानसभा के 21 अक्टूबर को हुए चुनाव के लिए हुई मतगणना में सबसे कम अंतर से जीतने वाले प्रत्याशी हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा बने। कांडा ने सिरसा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी गोकुल सेतिया को मात्र 602 वोटों के अंतर से हराया और वे सबसे कम अंतर से जीतने वाले प्रत्याशी बने।
2014 में बनाई थी नई पार्टी: हरियाणा के पूर्व मंत्री और सिरसा सिटी से निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा ने 2014 में हरियाणा लोकहित पार्टी का गठन किया था।
गीतिका शर्मा मामले में आया था नाम: गौरतलब है कि गोपाल कांडा की एमडीएलआर एयरलाइंस की कर्मचारी रही 23 वर्षीय गीतिका शर्मा ने अगस्त 2012 में उत्तर.पश्चिमी दिल्ली स्थित अपने ही घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। उसने अपने सुसाइड नोट में कांडा और अरुणा चड्ढा का नाम लिखा था। भाजपा ने इस मामले में कांडा का नाम सामने आने पर उनके खिलाफ प्रदर्शन भी किया था।