स्वाति मालीवाल के कारण दिल्ली में सिसक-सिसक कर दम तोड़ रहा है रावण

नई दिल्ली/नगर संवाददाता : सईद अहमद। दशहरा यानि कि विजय दसमी जिसे सत्य पर असत्य की जीत के रूप में मनाते है। लेकिन एक दिन रावण दहन कर लेने से रावण कृत्य नहीं मरता। परन्तु दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की अगुआई में चल रही मुहिम ने रावण को सिसक सिसक कर मरने पर मजबूर कर दिया।

दिल्ली में दिन दहाड़े महिलाओं का अपहरण, उनपर जुल्म फिर हवस का शिकार आम हो चुका था। वर्ष 2012 में निर्भया मामले से जन आक्रोश देश भर में देखने को मिला था। लेकिन जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई है और दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने जिम्मेदारी संभाली है तब से दिल्ली में रावण की आफत आ गई है। श्रीमती स्वाति इन रावणों के खिलाफ रात दिन एक किये हुए है।

उन्होंने विजय दशमी पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए ट्विट किया है कि मोह त्याग, मानवता, नारी सम्मान और अच्छाई का त्योहार है विजयदशमी। ज़रूरत है आज के दिन समाज में पल रहे रावणों का भी अंत किया जाए। किसी नारी के सम्मान पर आंच ना आए, आइए संकल्प लेकर ऐसा देश बनाएं। – आप सभी को विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

अभी हाल ही में उन्होंने स्पा केन्द्रों में छापा मारकर न सिर्फ साहस का काम किया बल्कि उसमे संलिप्त लोगों को सलाखों के पीछे भेजने का भी काम किया। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने दिल्ली के रिहायशी इलाकों में चलने वाले स्पॉ सेंटरों पर छापेमारी के अभियान में कई स्पा और मसाज सेंटर से जिस्मफरोशी के कारोबार का पर्दाफास किया हैं।
यही नहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल नारी सुरक्षा और उनके अधिकारों से जुड़े मसलों पर अपनी पार्टी के खिलाफ भी अपनी प्रतिक्रिया देने से नहीं चूकती। उनकी ही पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती की एक चैनल की महिला एंकर के खिलाफ की गई टिप्पणी नाराजगी जाहिर कर चुकी है।
सिर्फ इतना ही नहीं दिल्ली महिला आयोग ने सभी सरकारी एजेंसियों को बलात्कारियों या महिलाओं के खिलाफ किसी तरह के अपराध में दोषी ठहराये गए व्यक्ति को अपनी प्रचार सामग्री में महिमामंडित करने के प्रति आगाह किया। साथ ही, आयोग ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी पीड़िता की भावनाएं आहत नहीं हों। सभी सरकारी एजेंसियों को अपने कामकाज की निगरानी कर सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी परिस्थिति में वे किसी बलात्कारी का महिमामंडन नहीं करें और देशभर में ‘निर्भयाओं’ की भावनाओं को आहत नहीं करें।

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स्वाति मालीवाल भले ही दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन हो परन्तु उन्हें पूरे देश की महिलाओं की अस्मिता का ख्याल रहता है। इसीलिये वे उन्नाव भाजपा विधायक सेंगर के रेप की पीडिता से मिलने लखनऊ पहुंच गई। रेप पीडिता की एक दुर्घटना के दौरान हत्या का प्रयास किया गया था। इस दुर्घटना में उनकी चांची की मौत हो गई थी। इससे पूर्व उनके पिता की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी।
स्वाति मालीवाल महिला अस्मिता के मामले में किसी के साथ कोई गुंजाइश नहीं रखती। उनके संज्ञान में जैसे ही कोई मामला आता है वे तुरंत कार्यवाई करती है। एक बार दिल्ली के निर्भया मामले के एक आरोपी मुकेश सिंह का नाम होर्डिंग में होने पर चुनाव आयोग को नोटिस भेज दिया था। साथ ही जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्यवाई की मांग भी की थी।
महिलाओं के सम्मान को लेकर वे किसी को नहीं छोडती। उन्होंने अपने पति और हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद को गुस्से पर काबू करने और बोलते समय सावधानी बरतने की नसीहत दी थी। हरियाणा में आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने रेप की घटनाओं पर बीजेपी नेताओं को लेकर विवादित बयान दिया था। दरअसल हरियाणा सरकार ने गैंगरेप की शिकार लड़की को महज दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी थी, जिसके बाद नवीन जयहिंद भड़क उठे थे और उन्होंने विवादित बयान दिया था। स्वाति मालीवाल ने कहा. मुझे उनके गुस्से और दर्द से सहानुभूति है, मगर जो उन्होंने बोला, उससे जरा भी नहीं। मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं, इसकी निंदा करती हूं। मैं नवीन जयहिंद को सुझाव देती हूं कि सार्वजनिक रूप से इस तरह गुस्से का इजहार उचित नहीं है। आपको बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

इससे पूर्व दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल व्यभिचारियों, बलात्कारियों के लिए सख्त क़ानून की मांग करते हुए लम्बे समय तक अनशन कर चुकी है। उन्होंने उन्नाव और कठुआ में गैंगरेप की घटना के बाद और सख्त कानून की मांग कर चुकी है। उनकी मांग थी कि बच्चियों के बलात्कारियों को 6 महीने के अंदर फ़ांसी की सज़ा का क़ानून बने।

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