हमने देश की व्यवस्था का वह मॉडल बनाया, जो महात्मा गांधी चाहते थे : पीएम मोदी

अहमदाबाद/नगर संवाददाता : महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर देश को खुले में शौच मुक्त घोषित कर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने ऐसी व्यवस्था बनाने की कोशिश की है, जैसी बापू चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘बापू आखिरी आदमी के लिए फैसले की बात करते थे। हमने उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना और स्वच्छता योजना से इसे व्यवस्था का हिस्सा बना दिया है।’ पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 60 महीने में 60 करोड़ लोगों के लिए शौचालय तैयार किए गए। 11 करोड़ शौचालयों के निर्माण की बात सुनकर विश्व अचंभित है।
स्वच्छता के चलते गरीब का इलाज पर होने वाला खर्च कम हुआ है। इस अभियान ने ग्रामीण इलाकों और आदिवासी अंचलों में रोजगार के नए अवसर दिए हैं। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, ‘ग्रामीण भारत के लोगों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया। स्वेच्छा और जनभागीदारी से चल रहे इस मिशन की यह शक्ति भी है और सफलता का स्रोत भी।’ उन्होंने कहा कि जिस तरह देश की आजादी के लिए बापू के एक आह्वान पर लाखों लोग निकल पड़े थे, उसी तरह स्वच्छाग्रह के लिए भी करोड़ों देशवासियों ने खुले मन से सहयोग किया।
पीएम मोदी ने कहा, ‘5 साल पहले मैंने जब लोगों को पुकारा था तो हमारे पास सिर्फ विश्वास और गांधी जी का अमर संदेश था। वह कहते थे कि हमें खुद में बदलाव लाना होगा। इसी संदेश के तहत हमने झाड़ू उठाई और निकल पड़े। स्वच्छता, गरिमा और सम्मान के इस यज्ञ में सबने योगदान दिया।’पीएम मोदी ने कहा कि इसी साबरमती के किनारे महात्मा गांधी ने सत्य के प्रयोग किए थे। साबरमती रिवरफ्रंट पर इस कार्यक्रम का आयोजन होना दोहरी खुशी का विषय है।
गांधी जी ने सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह, स्वावलंबन के विचारों से देश को रास्ता दिखाया था। आज हम उसी रास्ते पर चलकर स्वच्छ, स्वस्थ, समृद्ध और सशक्त न्यू इंडिया के निर्माण में लगे हैं।
स्वच्छता मिशन की सफलता का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, ‘किसी बेटी ने शादी के लिए शौचालय की शर्त रख दी तो कहीं इसे इज्जत घर का दर्जा मिला। जिसे लेकर कभी हिचक होती थी, आज वह चर्चा का विषय बन गया है।’ उन्होंने कहा कि यह अभियान जीवन रक्षक भी सिद्ध हो रहा है और जीवन स्तर को बढ़ाने का भी काम कर रहा है। इससे देश में बहनों और बेटियों की सुरक्षा और सशक्तिकरण की स्थिति में अद्भुत बदलाव आया है।
आज जो हमने हासिल किया है, वो एक पड़ाव भर है। स्वच्छ भारत के लिए हमारा सफर निरंतर जारी है।
यही मॉडल तो महात्मा गांधी चाहते थे। अब सवाल यह है कि क्या हमने जो हासिल कर लिया है, वह काफी है क्या? इसका जवाब सीधा और स्पष्ट है, वह सिर्फ और सिर्फ एक पड़ाव है। स्वच्छ भारत के लिए हमारा सफर निरंतर जारी है। अभी हमने शौचालयों का निर्माण किया है। जो लोग अब भी इससे छूटे हुए हैं, उन्हें भी इस सुविधा से जोड़ना है। भारत का खुले में शौच मुक्त होना किसी पीएम की सफलता नहीं है बल्कि यह देशवासियों की सफलता है।
आज साबरमती की प्रेरक स्थलीए स्वच्छाग्रह की एक बड़ी सफलता की साक्षी बनी। यह उपलब्धि सभी भारतीयों, विशेषकर गरीबों की मदद करेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने जो जल-जीवन मिशन शुरू किया हैए उससे भी महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने में मदद मिलने वाली है। हम वॉटर रिचार्ज के लिए जो भी प्रयास कर सकते हैं, वो करने चाहिए। सरकार ने जल.जीवन मिशन पर साढ़ें तीन लाख रुपये खर्च करने का फैसला लिया है। लेकिन देशवासियों की भागीदारी के बिना इस विराट कार्य को पूरा करना मुश्किल है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए खतरा है। 2022 तक हमें इससे मुक्त होना है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता ही सेवा मिशन के तहत पूरे देश ने इस मिशन को गति है। इस दौरान यह भी दिखा कि प्लास्टिक के कैरी बैग का प्रयोग तेजी से घट रहा है। मुझे यह भी जानकारी है कि करोड़ों लोगों ने सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने का फैसला लिया है।
भारत की स्वच्छता में सफलता से दुनिया चकित है। भारत को कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।
अष्टकोणीय डाक टिकट और 150 का सिक्का जारी: पीएम मोदी ने गुजरात को चक्र धारी मोहन और चरखा धारी मोहन की भूमि बताते हुए मौके पर मौजूद सरपंचों और लोगों को प्रणाम किया। साबरमती रिवर फ्रंट पर आयोजित ‘स्वच्छ भारत दिवस’ के मौके पर उन्होंने स्मारक डाक टिकटों का भी विमोचन किया गया। पहली बार अष्टकोणीय डाक टिकटों को जारी किया। इनमें महात्मा गांधी के जीवन और आंदोलनों का चित्रण किया गया है। इसके अलावा पीएम मोदी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर स्मारक सिक्का भी जारी किया। 150 रुपये का यह स्मारक सिक्का 40 ग्राम चांदी से तैयार किया गया है।

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