जम्मू कश्मीर से 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले को स्कूलों में पढ़ाने की तैयारी, जल्द होगा सिलेबस में शामिल

जम्मू कश्मीर/नगर संवाददाता : जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले को जल्द की स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया जाएगा।
इस बात के संकेत खुद भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिए है। नड्डा के मुताबिक युवा पीढ़ी को अनुच्छेद 370 के बारे में वास्तविक स्थिति को जानना चाहिए। नड्डा के इस बयान के बाद यह कयास लगाए जा रहे है कि जल्द ही जम्मू कश्मीर से 370 हटाने के फैसले को स्कूलों के सिलेबस में शामिल किया जाएगा।

अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को स्कूल सिलेबस में शामिल किए जाने का समर्थन करते हुए भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को विस्तार से इसके बारे में पता होना चाहिए। नड्डा ने अनुच्छेद 370 खत्म करने के मोदी सरकार के फैसले को स्कूल सिलेबस में शामिल करने की बात करते हुए कहा कि खुद युवा पीढ़ी भी जानना चाह रही है कि क्या हो रहा है और किसके वह साक्षी बन रहे है।
अनुमानित नक्शा
इससे पहले भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया यह इतिहास का सबसे बड़ा झूठ है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को गोपाल स्वामी आयंगर ने संविधान सभा में आगे रखते हुए कहा था कि अनुच्छेद 370 अस्थायी औस संक्रमणकाली रहेगा। जेपी नड्डा ने कहा कि अनुच्छेद 370 को लेकर यह गलत धारणा थी कि यह कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है।

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को स्कूलों के सिलेबस में शामिल करने का बयान ऐसे समय दिया जब भाजपा चुनावी राज्यों महाराष्ट्र और हरियाणा में इसको मुख्य मुद्दा बनाकर इस मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बता रही है। भाजपा चुनाव में अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठाकर यूथ वोटर्स को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रही है इसके साथ ही पार्टी ने अपने संपर्क अभियान में भी धारा 370 के मुद्दे को जोर शोर से उठा रही है।
मोदी 2.0 सरकार ने 5 अगस्त को ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर सूबे को दो भागों में बांटते हुए जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। भाजपा जम्मू कश्मीर के बारे में लिए गए इस फैसले को ऐतिहासिक बता रही है।

भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष के इस बयान के बाद एक बाद साफ है कि अगर केंद्र सरकार एनसीईआरटी के सिलेबस में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले को शामिल करती है तो इसको लेकर देश में एक नई बहस छिड़ सकती है।

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