नई दिल्ली/नगर संवाददाता : भारतीय सेना ने आज अपनी एक और ताकत का सफल परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने आंध्र प्रदेश के कुर्नूल फाइरिंग रेंज में ‘मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल’ के सफल परीक्षण में कामयाबी हासिल की है। मिसाइल प्रणाली का यह तीसरा सफल परीक्षण है, जिसे भारतीय सेना की तीसरी पीढ़ी के ‘मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल’ की जरूरत के लिए विकसित किया जा रहा है।
भारतीय सेना ने सफल परीक्षण के बाद जानकारी देते हुए बताया कि श्मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलश् को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने विकसित किया है, जो पूरी तरह से स्वदेशी है। इसका भार बहुत कम है। इस मिसाइल को मैन पोर्टेबल ट्राइपॉड लांचर से लॉन्च किया गया था, जिसे उसने अपने लक्ष्य को बेहद सटीकता और आक्रामकता के साथ भेद दिया।े
सेना ने बताया कि मिसाइल को एक ट्राइपॉड से फायर किया गया और इसके निशाने पर एक टैंक था। मिसाइल ने टॉप अटैक मोड में लक्ष्य को निशाना बनाया और पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
डीआरडीओ द्वारा विकसित मिसाइल कई उन्नत सुविधाओं से लैस है। इसमें अल्ट्रा-आधुनिक इमेजिंग इन्फ्रारेड रडार भी शामिल हैं। तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है, जो एक उच्च विस्फोटक के साथ भरी हुई है। इस मिसाइल की अधिकतम मारक क्षमता लगभग 2.5 किलोमीटर है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भारतीय सेना ने राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में तीसरी पीढ़ी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘नाग’ का सफल परीक्षण किया था।
नाग मिसाइल को भी डीआरडीओ ने विकसित किया है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को इस कामयाबी पर न केवल बधाई दी बल्कि ट्विटर पर इसका वीडियो भी शेयर किया है।