दिल्ली/नगर संवाददाता : नई दिल्ली। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि संशोधित मोटर वाहन कानून के तहत यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने के पीछे मकसद सड़कों पर अनुशासन कायम कर सड़क दुर्घटनाओं को रोकना है।
मोटर वाहन कानून (2019) रविवार से लागू हुआ है। उसके बाद से भारी जुर्माना लगाने से संबंधित कई खबरें आई हैं। गुरुग्राम में एक दोपहिया चालक पर 23,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वहीं एक ट्रक चालक को 59,000 रुपए का चालान थमाया गया है।
गडकरी ने गुरुवार को
एक कार्यक्रम के मौके पर इस संबंध में पूछे गये सवाल पर कहा कि जुर्माना राशि बढ़ाने का मकसद जुर्माने से धन जुटाना कतई नहीं है। मोटर वाहन कानून में संशोधन के जरिये यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माने में भारी बढ़ोतरी की गई है। देश के विभिन्न हिस्सों से खबरें आ रही हैं कि यातायात पुलिस ने उल्लंघनों के लिए बढ़े हुए जुर्माने को वसूलना शुरू कर दिया है।
गडकरी ने कहा कि लोगों में नए कानून को लेकर कुछ गलत धारणायें हैं। यदि वे कानून का पालन करेंगे तो उन पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। कानून जुर्माना वसूलने के लिए नहीं लागू किया गया है। इसका मकसद यह है कि लोग यातायात नियमों को गंभीरता से लें और उनका उल्लंघन करने से बचें।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने एक सितंबर से मोटर वाहन संशोधन कानून, 2019 के 63 प्रावधानों को अधिसूचित किया है। नए कानून के तहत बिना लाइसेंस के अनधिकृत तरीके से वाहन चलाने पर जुर्माना 1,000 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दिया गया है। वहीं, बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर अब 500 रुपए के बजाय 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
संशोधित कानून के तहत शराब पीकर वाहन चलाने पर जुर्माना राशि 2,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए की गई है जबकि खतरनाक तरीके से वाहन चलाने के लिए जुर्माना 1,000 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए किया गया है।