दिल्ली/नगर संवाददाता: नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर आज सुनवाई कर सकता है।
जम्मू कश्मीर में संचार पर पाबंदियों सहित अन्य प्रतिबंधों को हटाने की मांग करते हुए ये याचिकाएं दायर की गई हैं। दरअसल, संचार पर पाबंदियां पत्रकारों के पेशेवर कर्तव्यों को पूरा करने की राह में बाधक बन रही हैं।
आर्टिकल-370 रद्द करने के फैसले के खिलाफ याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की है, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद मोहम्मद अकबर लोन और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में केंद्र द्वारा किए गए बदलावों को चुनौती दी है।
पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद और राधा कुमार सहित अन्य भी इसमें शामिल हैं। सरकार के फैसले के विरोध में शहला राशिद लगातार सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने लगातार कई ट्वीट कर कश्मीर में हालात बहुत खराब होने का दावा किया था।
शहला रशीद ने सुरक्षा बलों पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि सेना की ओर से उनके ट्वीट और दावों को पूरी तरह से तथ्यहीन कहा गया। इन ट्वीट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में छात्र नेता के खिलाफ आपराधिक केस भी दायर किया गया।
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने भी एक याचिका दायर कर अपनी पार्टी के नेता मोहम्मद तारिगामी को पेश करने की मांग की है, जिन्हें अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है। आर्टिकल 370 से जुड़े सभी विषय और इसके बाद के घटनाक्रम प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं।
आज से खुलेंगे हाईस्कूल: अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पाबंदियों के बीच कश्मीर में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। जिन इलाकों से पाबंदियां हट गई हैं, उन इलाकों में आज से हाईस्कूल खुलेंगे। प्राइमरी स्कूल और मिडिल स्कूल पहले ही खोले जा चुके हैं। गुरुवार तक 10 और पुलिस स्टेशन खोल दिए जाएंगे। घाटी में अधिकतर इलाकों से प्रतिबंध हटा लिए गए हैं लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा कर्मी वहां तैनात हैं।