पी.एम.के.एम.वाई : 3000 रुपए की पेंशन के लिए 15 अगस्त तक 2 करोड़ किसानों को जोड़ने का लक्ष्य, ऐसे ले सकते हैं लाभ

दिल्ली/नगर संवददाता : नई दिल्ली। साझा सेवा केंद्र ;सीएससीद्ध ई.गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया ने प्रधानमंत्री किसान मान.धन योजना (पी.एम.के.एम.वाई) के तहत 15 अगस्त तक देशभर के 2 करोड़ छोटे किसानों का पंजीकरण करने का लक्ष्य तय किया गया है। सीएससी ई.गवर्नेंस सेवा देशभर में 3.5 लाख साझा सेवा केंद्रों का प्रबंधन करती है।

पीएमकेएमवाई की शुरुआत राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को कृषिमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की थी। इस योजना के
तहत पात्र किसानों को 3,000 रुपए मासिक पेंशन उपलब्ध होगी।

सीएससी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश त्यागी ने रविवार को कहा कि मैंने सभी गांवस्तरीय उद्यमियों, जो
भारत के गांवों में 2 लाख से अधिक सीएससी चलाते हैं, प्रत्येक को स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) तक कम से कम 100 छोटे किसानों को पंजीकृत करने को कहा है। हमारे सभी सीएससी स्वतंत्रता दिवस तक कम से कम 2 करोड़ किसानों को पंजीकृत करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए स्वतंत्रता दिवस के दिन भी खुले रहेंगे।

ऐसे करवा सकते हैं पंजीयन : त्यागी ने कहा कि पंजीयन की प्रक्रिया बेहद आसान है। कोई भी किसान जो योजना से जुड़ना चाहते है, अपने
आधार कार्ड तथा बैंक पासबुक या बैंक खाते की जानकारी के साथ नजदीकी सीएससी जा सकता है। गांवस्तरीय उद्यमीए जो सीएससी का प्रबंधन करते हैं, किसान से सभी संबंधित दस्तावेज लेने के बाद ऑनलाइन पंजीयन
प्रक्रिया पूरी करेंगे।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने पीएमकेएमवाई के तहत पंजीकरण के लिए सीएससी को शामिल किया है।
सीएससी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के तहत एक विशेष उद्देशीय उपक्रम है।

त्यागी ने कहा कि अभिप्रमाणन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद पंजीकृत किसान को सूचित किया जाएगा और उसका पीएमकेएमवाई पेंशन कार्ड तथा विशेष पेंशन खाता संख्या तैयार हो जाएगी। पीएमकेएमवाई की घोषणा
2019-20 के बजट में की गई जिसके तहत योग्य किसानों को 60 साल की उम्र के बाद 3,000 रुपए की मासिक
पेंशन मिलेगी।

ये योजना देशभर में लागू की जा रही है। जम्मू कश्मीर और लद्दाख सहित देशभर में 2 हैक्टेयर तक भूमि रखने वाले किसान इस योजना को अपना सकते हैं। योजना को 18 से 40 साल के किसान अपना सकते हैं। यह स्वैच्छिक और भागीदारी वाली योजना है। इसमें किसानों को उनकी आयु के मुताबिक 55 रुपए से लेकर 200
रुपए तक का मासिक योगदान करना होगा। केंद्र सरकार भी उनके लिए बराबर की राशि का भुगतान करेगी। यह
राशि उनके पेंशन कोष में जमा होगी और 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर उन्हें 3,000 रुपए मासिक पेंशन दी
जाएगी।

किसान की पत्नी भी यदि अलग से पेंशन योजना को अपनाती है और उसमें अलग योगदान करती है तो वह भी 3,000 रुपए की पेंशन पाने की हकदार होगी। सेवानिवृत्ति आयु पूरी होने से पहले यदि किसान की मृत्यु हो
जाती है, तो उसकी पत्नी योजना को आगे जारी रख सकती है। यदि परिवार योजना को जारी नहीं रखना चाहता
है तो किसान द्वारा किए गए कुल योगदान को ब्याज सहित उसकी पत्नी को दे दिया जाएगा।

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