लखनऊ, उत्तर प्रदेश/नगर संवाददाताः स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र में 13 दिनों की छुट्टियों पर कैंची चलाई गई है। महापुरुषों की जयंती पर होने वाली छुट्टियां खत्म कर दी गई हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) डॉ. मुकेश कुमार सिंह की ओर से नए सत्र का शैक्षिक कैलेंडर मंगलवार को जारी कर दिया गया। इस वर्ष अवकाश, रविवार और ग्रीष्मावकाश मिलाकर कुल 126 दिन अवकाश रहेगा। जबकि पिछले वर्षो में यह छुट्टियां 139 दिन रहती थी। ऐसे में सरकारी, सहायता प्राप्त व प्राइवेट स्कूलों में इस बार छुट्टियां कम होगी। डीआइओएस ने बताया कि नए शैक्षिक सत्र 2018 में अवकाश, रविवार व ग्रीष्मकालीन अवकाश मिलाकर कुल छुट्टियां 126 दिनों की होंगी। वहीं शिक्षण कार्य व कार्य दिवस 217 दिनों के होंगे तथा 22 दिन बोर्ड परीक्षा के होंगे। उधर, नए सत्र के शैक्षिक कैलेंडर और पुराने वर्ष के शैक्षिक कैलेंडर की अगर तुलना की जाए तो पिछले वर्ष अवकाश, रविवार और ग्रीष्मावकाश मिलाकर कुल 139 छुट्टियां थी। वहीं शिक्षण कार्य व कार्य दिवस 204 दिनों के थे और 22 दिन बोर्ड परीक्षा के थे। इस तरह कुल 365 दिनों का शैक्षिक कैलेंडर था। नए शैक्षिक सत्र 2018 से जो छुट्टियां खत्म कर दी गई हैं उनमें जन नायक कपरूरी ठाकुर जयंती, संत रविदास जयंती, महर्षि कश्यप एवं महाराज गुहा जयंती, चंद्रशेखर जयंती, परशुराम जयंती, लोक नायक महाराणा प्रताप जयंती, विश्वकर्मा पूजा, सरदार वल्लभ भाई पटेल एवं आचार्य नरेंद्र देव जयंती, वीरांगना ऊदा देवी शहीदी दिवस, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस व चौधरी चरण सिंह जयंती शामिल हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र कहते हैं कि माध्यमिक शिक्षा विभाग को चाहिए कि वह महापुरुषों की जयंती में स्कूल खोल रहा है तो शीतकालीन अवकाश दे। जयंती पर जन नायकों व महापुरुषों के बारे में स्कूल खोलकर बताना अच्छी बात है लेकिन अगर कान्वेंट स्कूलों की नकल की जा रही है तो फिर शीतकालीन अवकाश भी दें क्योंकि यूपी में हर साल भीषण ठंड के कारण शिक्षा विभाग को स्कूल बंद ही करने पड़ते हैं। अगर कैलेंडर में शीतकालीन अवकाश होगा तो प्राइवेट स्कूल वाले मनमानी कर कड़ाके की ठंड में स्कूल नहीं खोल पाएंगे।