लखनऊ, उत्तर प्रदेश/नगर संवाददाताः यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का गायों से प्रेम किसी से छुपा नहीं है। जब से वो संन्यासी बने, गाय को चारा खिलाना और उनकी देखभाल करना उनकी जिंदगी का हिस्सा है। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी ये सिलसिला टूटा नहीं है। जब भी वो गोरखपुर जाते हैं, दिन की शुरुआत गोसेवा से ही होती है। अब योगी सरकार की तैयारी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर गोशाला शुरू करने की है। इसकी शुरुआत बुंदेलखंड से होगी. इसके लिए दो राउंड की मीटिंग भी हो चुकी है। गोशाला को लेकर ब्लूप्रिंट तैयार है। हर गांव में एक गोशाला खोलने की योजना है। एक गोशाला बनाने पर करीब 20 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. अब सवाल ये है कि आखिर योगी सरकार इसके लिए बजट कहां से लाएगी। किसानों की कर्जमाफी में ही 36 हजार करोड़ खर्च होने वाले हैं। गोशाला बनाने के लिए सीएसआर यानी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी योजना से पैसों का जुगाड़ किया जाएगा। गोशाला बनाने में जो मजदूरी का खर्च आएगा वो मनरेगा से मिल जाएगा. गोशाला की बिल्डिंग बनाने के लिए कुछ जरूरी सामन भी ग्राम विकास विभाग से ही मिल जाएगा। एक गाय पर हर दिन कम से कम 40 रुपये खर्च होंगे। यूपी में योगी सरकार बनने के बाद योजना आयोग से लेकर महिला आयोग तक खाली है, इसमें कोई नयी तैनाती नहीं हुई है लेकिन गोसेवा आयोग का गठन तुरंत हो गया है। एक रिटायर आईएएस अफसर राजीव गुप्ता इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं। बुंदेलखंड के हर गांव में गोशाला बने, इसके लिए गोसेवा आयोग इसी एजेंडे में जुटा हुआ है। 29 अगस्त को भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर लंबी मीटिंग की। हालांकि सूखे की मार झेलते रहे बुंदेलखंड में जानवरों के लिए चारा बड़ी समस्या रही है। जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो किसान उसे खुला छोड़ देता है। हर साल इसके चलते सैकड़ों गायें भूखी प्यासी दम तोड़ देती हैं। अब योगी सरकार की तैयारी बुंदेलखंड से गोशाला योजना शुरू करने की है लेकिन कहीं इसका हाल छत्तीसगढ़ के गोशाला जैसा ना हो जाए।