नई दिल्ली/नगर संवाददाताः पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने कहा है कि प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी का देश में इमरजेंसी लगाना गलत निर्णय था। ऐसा पहली बार हुआ है, जब कांग्रेस के किसी दिग्गज नेता ने सार्वजनिक तौर पर इमरजेंसी लगाने का विरोध किया है। उन्होंने गोमांस के मुद्दे पर भी पार्टी लाइन से अलग बयान देकर कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है। वह रविवार को सेक्टर 18 में हमारे सहयोगी प्रकाशन दैनिक जागरण के वार्तालाप कार्यक्रम में बोल रहे थे। पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि इमरजेंसी का निर्णय देश के लिए अच्छा नहीं था। वह इसका व्यक्तिगत तौर पर विरोध करते हैं। यही वजह थी कि उस दौरान जेपी ने एक चुनी हुई सरकार को अवैध बताते हुए सेना व पुलिस से सरकार की कोई भी बात न मानने की अपील की थी। हालांकि बाद में उन्होंने इमरजेंसी वाले बयान पर संतुलन बनाते हुए यह भी कहा कि देश में इमरजेंसी जून 1975 में संजय गांधी की मां ने लगाई थी और जनवरी 1977 में इसे नेहरू की बेटी ने हटाया था। मतलब साफ था कि वह इसके पीछे अप्रत्यक्ष रूप से संजय गांधी को जिम्मेदार बताना चाह रहे थे। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी देश की पहली व आखिरी ऐसी प्रधानमंत्री थीं, जिनमें किसी चीज को न कहने का साहस था, लेकिन कई बार वह गलत निर्णय भी कर बैठती थीं। इंदिरा गांधी के एक अन्य फैसले को अनुचित ठहराते हुए उन्होंने कहा कि ताजमहल से सिर्फ 60 किमी दूर मथुरा में रिफाइनरी को मंजूरी देने का फैसला सही नहीं था। यह आर्थिक दृष्टि से भले ही इंदिरा गांधी का सही निर्णय था, लेकिन पर्यावरण की दृष्टि से इसका समर्थन नहीं किया जा सकता। उन्होंने इंदिरा के कई निर्णयों को पर्यावरण के लिए अच्छा भी बताया और कहा कि वह बहुत बड़ी प्रकृति प्रेमी थीं।