नई दिल्ली/नगर संवाददाताः नौकरी और शिक्षा संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर जाट समुदाय के 10 हजार से ज्यादा सदस्य गुरुवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर रैली कर प्रदर्शन कर रहे हैं। जाट समुदाय की इस रैली का मकसद केंद्र पर आरक्षण को लेकर दबाव बनाना है। समाचार एजेंसी एएनआई ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे जाट समुदाय के लोगों की तस्वीरें ट्वीट की हैं। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने बताया कि हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश से आए जाट जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करेंगे। अधिकारियों के अनुसार हालांकि हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर पिछले महीने भर से जाटों का आंदोलन शांतिपूर्ण है। राज्य के विभिन्न स्थानों पर अर्धसैनिक बल कड़ी नजर रख रहे हैं। मलिक ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने सरकार के साथ असहयोग करना शुरू कर दिया है और वे बिजली-पानी बिल नहीं जमा करेंगे और सरकारी ऋण की किश्त भी नहीं भरेंगे। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण मुद्दे पर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे। जाटों की संसद का घेराव करने की भी योजना है जिसकी तारीख दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान घोषित की जाएगी। शिक्षा और सरकारी नौकरियों में ओबीसी के तहत आरक्षण के अलावा जाट पिछले साल के आंदोलन के दौरान बंदी बनाए गए लोगों की रिहाई, प्रदर्शन के दौरान दर्ज किए गए मामले वापस लेने, हिंसा में मारे गए लोगों के रिश्तेदारों और घायलों को नौकरी की मांग कर रहे हैं। जंतर-मंतर पर रैली के अलावा, संगठन ने देश की राजधानी में दूध की सप्लाई रोकने की धमकी भी दी है। दिल्ली में दूध की अधिकतर सप्लाई पड़ोसी राज्यों से ही होती है। संगठन के प्रवक्ता रामभगत मलिक ने बताया कि हिसार से 10 हजार से ज्यादा जाट दिल्ली पहुंचेंगे। आरक्षण की मांग पर फिर से शुरू हुआ जाट आंदोलन का नेतृत्व ऑल-इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) ही कर रही है और यह संगठन इस मुद्दे पर हरियाणा की बीजेपी सरकार के साथ बात भी कर रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बयान दे रहे हैं कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन हमें अभी तक सरकार की तरफ से किसी तरह का बुलावा नहीं आया है।