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मुंबई, महाराष्ट्र/नगर संवाददाताः परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में नए देशों की सदस्यता को लेकर एक मसौदा तैयार किया गया है। इस मसौदे में जहां भारत को एनएसजी में शामिल करने की बात कही गई है, वहीं पाकिस्तान को इससे बाहर रखने की वकालत की गई है। इस बात की जानकारी अमरीका स्थित हथियारों के नियंत्रण संबंधी संगठन आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन (एसीए) ने दी है। एसीए के मुताबिक, पिछले हफ्ते अमरीकी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया था कि एनएसजी के पूर्व चेयरमैन राफेल मेरियानो ग्रासी ने दो पन्नों का एक मसौदा तैयार किया है। ग्रासी ने यह दस्तावेज एनएसजी के वर्तमान अध्यक्ष दक्षिण कोरिया के सांग यंग वान की सलाह पर तैयार किया है अत: इसे अर्ध आधिकारिक स्तर प्राप्त है। ग्रासी के प्रस्ताव में कहा गया है कि एनएसजी समूह में शामिल होने के लिए आवेदन करने वाले गैर परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) वाले देश एक दूसरे की सदस्यता को लेकर आपत्ति नहीं उठा सकते। भारत को एनएसजी का पूर्ण सदस्य बनाने के अमरीकी प्रयास को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब ट्रंप प्रशासन की होगी, क्योंकि अमरीकी सरकार के सूत्रों के अनुसार मौजूदा ‘समयसीमा’ में यह सुनिश्चित नहीं है कि भारत को ओबामा प्रशासन के तहत सदस्यता मिलेगी। वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक ‘आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन’ के अनुसार दो पृष्ठों के मसौदे में ऐसी 9 प्रतिबद्धताओं की पेशकश की गई है, जिनको भारत और पाकिस्तान देशों को पूरी सदस्यता हासिल करने के क्रम में जताने की जरूरत होगी।

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