मशहूर संगीतकार ख़य्याम का 92 वर्ष की आयु में निधन, पीएम मोदी ने ट्‍वीट कर शोक जताया

मुंबई/नगर संवददाता : मुंबई। अपने जमाने के मशहूर संगीतकार ख़य्याम साहब का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने रात 9ण्30 बजे मुंबई के उपनगर जुहू में सुजय अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्‍वीट करके शोक जताया।

सोमवार शाम से ही ख़य्याम साहब की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई लेकिन डॉक्टरों की टीम उन्हें बचा नहीं सकी। वे बीते 10 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। जैसे ही ख़य्याम साहब के निधन का समाचार फैला, वैसे ही बॉलीवुड में शोक छा गया। कई फिल्मी सितारों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।

उनका पूरा नाम मोहम्मद जहूर ख़य्याम हाशमी था लेकिन बॉलीवुड में वे ‘खय्याम’ के नाम से ही मशहूर हुए। उन्होंने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत 1947 में की थी और कई यादगार फिल्मों में अपने संगीत के जादू से करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बना दिया।

फिल्म ‘हीर.रांझा’ में उन्होंने पहली बार संगीत दिया था। ‘उमराव जान’ और ‘कभी-कभी’ फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया था।
ख़य्याम साहब की पत्नी जगजीत कौर भी अच्छी गायिका हैं और उन्होंने ख़य्याम के साथ ‘बाज़ार’, ‘शगुन’ और ‘उमराव जान’ में काम भी किया था। फिल्म ‘बाजार’ का मशहूर गीत ‘देख लो आज हमको जी भरके….’ जगजीत कौर ने ही गाया है, जो आज तक बड़े चाव से सुना जाता है।

उनके सुरीले संगीत से सजे गीत बेहद कर्णप्रिय हैं। मसलन…. ‘बहारों मेरा जीवन भी संवारो’, ‘वो सुबह कभी तो आएगी’, ‘तुम अपना रंजो गम अपनी परेशानी मुझे दे दो’, ‘जाने क्या ढूंढती रहती हैं ये आंखें मुझमें’, ‘ठहरिए होश में आ लूं’, ‘शाम-ए7गम की कसम’।

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